The Single Best Strategy To Use For sidh kunjika



सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ १३ ॥

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.

देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

Salutations to your Goddess who may have the shape of root chants Who by the chant “Aim” has the form in the creator Who through the chant “Hreem” has the form of one who can take treatment of anything And who with the chant “Kleem” has the form of enthusiasm

क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु ॥ १० ॥

इति श्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वतीसंवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै here विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।

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